How to become a Professor? - Hindi Short Story

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Friday, February 23, 2018

How to become a Professor?

प्रोफेसर का काम देश मै सबसे प्रतिष्ठित लोगों मै से एक है. इस पेशे का प्रतिनिधित्व करने वाले कई लोगों ने प्रतिष्ठा को अच्छी तरीके से प्राप्त किया है. प्रोफेसर एक एसा व्यक्ति होता है ज्यों औपचारिक शिक्षा प्रदान करने के अलावा, युवाओ के व्यवहारों को सहीं दिशा मै ले जाने और कार्य करने का मार्गदर्शन करता है. हालांकि भारत मै प्रोफेसर बनने के लिए विद्वानों को आकर्षित करने वाले प्रमुख कारण, अच्छा वेतन, सुविधा जनक काम का समय और वार्षिक भत्ते के एक महत्व पूर्ण संख्या है. इसके अलावा प्रोफेसरों को कई सारे प्रकार के लाभ भी मिलते है. जैसे की मामूली किराया, सेवानिवृति लाभ, मनोरंजन सुविधार्ये आदि.

प्रोफेसर बनने की तीन मुख्य रैंक:
1) सहाय्यक प्रोफेसर (Assistent Professor)
2) सह - प्राद्यापक (Associate Professor)
3) प्रोफेसर (Professor)

भारत मै प्रोफेसर बनने के लिए पात्रता की  शर्ते:
सहाय्यक प्रोफेसर बनने के लिए आपको मान्यता प्राप्त विश्व विद्यालयों, और कॉलेजों मै आपको इन मै से किसी भी परीक्षा मै पास होना जरुरी है.
1) NET (National Eligibily Test)
     यह परीक्षा University Grants Commision (UGC) द्वारा आयोजित की जाती है. परीक्षा मै उपस्थित होने के योग्य होने के लिए, उम्मीदद्वारो को  कम से कम 55% अंकों (एसटी / एससी / ओबीसी / पीडब्लूडी से जुड़े उमेदवारो के लिए 50%) के साथ मास्टर की डिग्री होनी चाहिए. यह परिक्षण वर्ष मै दो बार किया जाता है, अर्थात जून और दिसंबर मै.
     NET परीक्षा देने के बाद उमेदवार अभ्यार्ती देश मै किसी भी विश्व विद्यालय, कॉलेज या संथान मै सहाय्यक प्रोफेसर नोकारियों के लिए आवेदन कर सकता है.

2) SLET (State Level Eligibility Test)
     नेट और एसएलईटी के बीच दो महत्त्व पूर्ण अंतर है: एसएलईटी के बाद आप राज्य सतर के विश्व विद्यालयों, कॉलेजों,  संस्थानों के साथ काम करने के योग्य है. नेट करने के बाद आप देश भर मै सहाय्यक नोकरी करने के लिए योग्य है.
    एसएलईटी के लिए पात्रता कम से कम 55% अंकों (एसटी / एससी / ओबीसी / पीडब्लूडी से जुड़े उमेदवारो के लिए 50%) के साथ मास्टर की डिग्री होनी चाहिए.

UGC ने 2016 मै अपने नियमों मै एक संशोधन लाया. संशोधन के अनुसार जिन्होंने पीएचडी पूरा कर लिया है. या 2009 मै या उससे पहले पूंजीकृत है, नेट से छुट दी गयी है. दुसरे शब्दों मै एसे विद्वान् एनईटी को क्लियर किये बिना विश्व विद्यालयों, कॉलेजों मै आवेदन कर सकते है.

कहा छुट का दावा करने वालो के लिए निम्नलिखित शर्तो को पूरा करने की जरुरत है:

  • उन्हें नियमित मोड़ के माध्यम से सन्मानित किया गया एक P.hd डिग्री धारण करना होगा.
  • कम से कम दो बाहरी परीक्षाकर्ताओ द्वारा अनुसंधानित शोध का मूल्यांकन किया जाना चाहिए था.
  • अभ्यर्थी विवा-स्तर के लिए प्रकट होना चाहिए था.
  • अनुसंधान पत्रिका मै पीएचडी थिसिस के आधार पर उन्हें कम से कम दो कागजात प्रकाशित करना चाहिए.

प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक कौशल:
यद्यपि एक प्रोफेसर के रूप मै नौकरी हासिल करने के लिए औपचारिक योग्यता की आवश्यकता है, यह वो योग्यता और कौशल है, जो की उम्मेदवार को जीवित रखने, और इस पेशे मै अधिक आगे बढ़ने मै मद्दत करेगा. यहाँ कुछ एसे कौशल है जिसके बिना प्रोफेसर के रूप मै जीवित रहने वाले किसी के लिए भी मुश्किल हो सकता है.

  • बड़े दर्शकों के सामने विचारों को अभिव्यक्त करने का विश्वास
  • उनके विषय मै अधिक जानने के लिए प्यास
  • शिक्षण के नए तरीकों को लाने के लिए रचनात्मक जो की विद्यार्थियों के एक विशेष समूह के लिए  सबसे उपयुक्त है.
  • शिक्षण और प्रशासकीय कार्य के बीच समय का प्रतिबंध करने की योग्यता. 

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